Tuesday, January 25, 2011

Is 26th Jan, a reason of Celibration now.....?

First of all I am sorry if I am spoiling your patriotic spirit...

I wrote what I thought, I don't know what you think....but it's true..it is the real situation in India

I started writing this one since 15th Aug, 2010, that day I only wrote it's title and today (25th Jan, 2011) I completed it...

Hope you agree with my thoughts.....


स्वतंत्र हैं गणतंत्र का पराधीन यहाँ,
कोंन कहता है के "हैं हम स्वतंत्र" यहाँ |
गर गणतंत्र का दमन चक्र ऐसे ही चलता रहा,
तो बताओ क्या है स्वतंत्रता का मतलब यहाँ ||

आज खुद से ही यह सवाल पूंछ हैं सब खामोश यहाँ,
शायद बस विचार ही हैं अब स्वतंत्र यहाँ |
क्या कहूँ आज के इस भारत को,
स्वतन्त्र या फिर हैं सिर्फ गणतंत्र यहाँ ||

जन साशन का अर्थ हैं, जन शोषण यहाँ,
सत्ता बनी हैं सिर्फ टकसाल यहाँ |
इस दिन को कैसे मनाऊं क्या नाम दूँ,
गणतंत्र दिवस.......???
या स्वतंत्रता की पुन्यातिथी कहना हैं शायद सार्थक यहाँ ||

********** Lines are added latter after Delhi Nirbhaya Kand **********
देख अस्मत लुटती अबला की, रहते है सब मोन यहाँ ।
सीश जवानों के कटाके, शोक तक ना जताती सरकार यहाँ ।।
दुर्योधन , दुशासन और शकुनी जैसे है आजाद और ध्रितारास्त्र है गणतंत्र यहाँ ।
स्वतंत्र हैं गणतंत्र का पराधीन यहाँ, कोंन कहता है के "हैं हम स्वतंत्र" यहाँ ||
********** Lines are added latter after Delhi Nirbhaya Kand **********

स्वतंत्र हैं गणतंत्र का पराधीन यहाँ,
कोंन कहता है के "हैं हम स्वतंत्र" यहाँ |
स्वतंत्र हैं गणतंत्र का पराधीन यहाँ,
कोंन कहता है के "हैं हम स्वतंत्र" यहाँ ||


बसंत कुमार वर्मा 

2 comments:

  1. कोंन कहता है के "हैं हम स्वतंत्र" यहाँ ||

    बहुत खूब दर्द उजागर किया है, आपने बसंत भाई............ पर युवा खून पर हे सारा भार है कि कैसे देश को बचाया जाये , जैसा कि मैंने मेरे ब्लॉग पर लिखा है....."अमित आस बस नेक्स्ट जेन के भरोसे है"

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  2. पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
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    "आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"

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